- गणेश पाण्डेय
एक को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं कोई श्रीवास्तव नहीं था
दूसरे को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं कोई ओबीसी नहीं था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं कोई ओबीसी नहीं था
तीसरे को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं किसी लेखक संघ में नहीं था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं किसी लेखक संघ में नहीं था
चौथे को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं किसी मठाधीश का भक्त नहीं था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं किसी मठाधीश का भक्त नहीं था
पांचवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं अपना टेढ़ा मुंह
दिल्ली की ओर नहीं कर पाता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं अपना टेढ़ा मुंह
दिल्ली की ओर नहीं कर पाता था
छठे को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं उसकी तरह नीची आवाज में
बोल और लिख नहीं पाता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं उसकी तरह नीची आवाज में
बोल और लिख नहीं पाता था
सातवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं उसकी तरह महाजनों की हरबात पर
चाहे पाद पर खुशी से हो-हो नहीं कर पाता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं उसकी तरह महाजनों की हरबात पर
चाहे पाद पर खुशी से हो-हो नहीं कर पाता था
आठवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं अपनी गर्दन को उसकी तरह
छिपाकर नहीं रख पाता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं अपनी गर्दन को उसकी तरह
छिपाकर नहीं रख पाता था
नौवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं उसकी तरह नाच-गा नहीं सकता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं उसकी तरह नाच-गा नहीं सकता था
दसवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं अकादमी की आलोचना करता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं अकादमी की आलोचना करता था
ग्यारहवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं प्रेमचंद शामियाना हाउस का बेगार नहीं था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं प्रेमचंद शामियाना हाउस का बेगार नहीं था
बारहवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं मर्दाना कविता लिखता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं मर्दाना कविता लिखता था
तेहरवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं मर्दाना आलोचना लिखता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं मर्दाना आलोचना लिखता था
चौदहवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं पांच फुट आठ इंच का था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं पांच फुट आठ इंच का था
पन्द्रहवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं शहर के लेखकों को उनका कद बताता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं शहर के लेखकों को उनका कद बताता था
सोलहवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं साहित्य का राजा बेटा नहीं था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं साहित्य का राजा बेटा नहीं था
सत्रहवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं मंच माइक माला का विरोधी था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं मंच माइक माला का विरोधी था
अट्ठारहवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं इनाम लेने-देने वालों को गालियां देता था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं इनाम लेने-देने वालों को गालियां देता था
उन्नीसवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं हर बात में बीस क्यों था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं हर बात में बीस क्यों था
बीसवें को
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं उसकी तरह खबीस नहीं था
मैं इसलिए पसंद नहीं था
कि मैं उसकी तरह खबीस नहीं था
कई को
मैं इसलिए पसंद नहीं था कि गणेश पाण्डेय था
आशादेवी नहीं था
मैं इसलिए पसंद नहीं था कि गणेश पाण्डेय था
आशादेवी नहीं था
उन सबने पहले मुझे
बारी-बारी से ब्राह्मण नहीं अछूत कहा
और उसके बाद सर्वसम्मत से शहर बदर कर दिया
बारी-बारी से ब्राह्मण नहीं अछूत कहा
और उसके बाद सर्वसम्मत से शहर बदर कर दिया
बहुत लंबा वक्त लगा दोस्तो
तब कहीं जाकर यह नाचीज शहर बदर हुआ
फिर भी अभी हूं लच्छीपुर खास में हूं।
तब कहीं जाकर यह नाचीज शहर बदर हुआ
फिर भी अभी हूं लच्छीपुर खास में हूं।
बहुत शानदार। सटीक।
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