मंगलवार, 22 मई 2018

बिटिया सीरीज

- गणेश पाण्डेय

1
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बिटिया धोखा वही देगा
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बिटिया जिससे बहुत उम्मीद करोगी धोखा वही देगा
बिटिया जिसे बहुत नजदीक रखोगी धोखा वही देगा
बिटिया जिस पर आँख मूँदकर भरोसा करोगी
बिटिया जिसे पिता और भाई से अधिक मान दोगी
धोखा वही देगा

बिटिया जिससे तनिक हंसकर बोलोगी धोखा वही देगा
बिटिया जिसको अक्सर पास बैठने को कहोगी
बिटिया प्रकृति को साक्षी मानकर जिसकी बाँह गहोगी 
धोखा वही देगा

बिटिया धरती पर जिससे टूटकर प्रेम करोगी
बिटिया आकाश में जिसके संग विचरण करने को
अपना सौभाग्य मानोगी सहसा वही तुम्हारे पंख नोच लेगा
धोखा वही देगा।

2
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बिटिया याद करना
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बिटिया
कोई दिल तोड़ दे चाहे कहीं से मिले कोई दुख
मुझे चाहे माँ बहन भाई को याद करना

बिटिया
साइकिल की चेन में कैसे फंस गयीं थीं उँगलियाँ
और चेन उतारा था खट से पापा ने याद करना

बिटिया
भाई ने जब तारपीन पी लिया था मम्मी उसे लेकर कैसे दौड़ी थीं
कितना रोयी थी दिदिया संग तुम उस भाई को याद करना

बिटिया जब भी दुख हो बहुत
कोई बात कचोटती हो बहुत छलनी होता हो कलेजा बहुत
रोने के लिए मेरे कंधे को तुम याद करना।

3
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बिटिया कांटा सुई से निकालना
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बिटिया
कोई कांटा चुभे 
तो सुई से निकालना
बिटिया कोई दुष्ट तंग करे
बाज न आए तो जवाब देना और भाई को बताना

बिटिया
कोई भी दिक्कत हो छोटी से छोटी 
चाहे जितनी बड़ी से बड़ी माँ को बताना
मुझे बताना मैं अभी ज़िंदा हूँ

4
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बिटिया चौकन्ना रहना
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बिटिया संभलकर चलना
जगह-जगह बिखरे होते हैं ईंट-पत्थर

बिटिया सफर में देखते रहना
चारो तरफ होते हैं तमाम उचक्के-ऐयार

बिटिया सड़क पर चलना 
तो हाथी की तरह आत्मविश्वास से भरी हुई
रुकना खरगोश की तरह तुरत

बिटिया
हाथ में स्मार्ट घड़ी जरूर लगाना 
बैग में सेव के साथ जरूर रखना 
आत्मरक्षा के लिए ज़रूरी चीज़ें

बिटिया
घर हो चाहे बाहर ख़ूब चौकन्ना रहना 
जाँबाज शेरनी की तरह हर वक़्त चारों तरफ़ देखना
जंगल हो चाहे शहर का ख़तरनाक जंगल।

5
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बिटिया बाघ दिखे तो भिड़ जाना
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बिटिया
पहाड़ दिखे तो डर मत जाना
कूदना और कूद कर चढ़ जाना

बिटिया
नदी दिखे तो डर मत जाना
सांस भरना तैर कर पार कर जाना

बिटिया
वटवृक्ष दिखे तो डर मत जाना
घोड़े पर चढ़े-चढ़े चढ़ जाना

बिटिया
भूत-प्रेत दिखे तो डर मत जाना
सबसे बाज जाना

बिटिया
बाघ दिखे तो डर मत जाना
दादू की मूंछो को यादकर भिड़ जाना

बिटिया
जैसे दिखे कोई वहशी-दरिंदा 
बिना देर किये चीरफाड़ देना।

6
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बिटिया मृत्यु की देवी लिख लेना
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बिटिया वक़्त आए तो
अपनी आँखों को ज्वालामुखी बना लेना

बिटिया वक़्त आए तो
अपनी छातियों में बारूद भर लेना

बिटिया वक़्त आए तो
अपने कपोलों पर विष पोत लेना

बिटिया वक़्त आए तो
अपने बाजुओं को फौलाद का बना लेना

बिटिया वक़्त आए तो
अपनी हथेली पर मृत्यु की देवी लिख लेना।

7
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बिटिया ख़ुद को इतना मज़बूत करना
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बिटिया
फूल बनकर सुगंध बिखेरना
मेघ बनकर धरती को सींचना
जीवन को अर्थ देना सृष्टि चलाना
सत्कर्म करना

बिटिया
अपने काम से 
सबका दिल जीतना
चारों तरफ़ उजाला फैलाना
दर्प से बचना नम्र रहना

बिटिया
खुद को इतना मजबूत करना
कि कोई आँधी हिला न पाए
कोई बारिश गला न पाए
कोई आग जला न पाए।

8
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बिटिया जीने की कला है
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बिटिया
जीने की कला है
जिसे सबको आनी चाहिए
पर सबको आती नहीं
और जिन्हें नहीं आती है 
मुश्किल होती है

बिटिया
जब हम सड़क पर निकलते हैं
तो गाड़ी को अक्सर ठोकर लगती है
टूट-फूट होती है मरम्मत होती है
फिर अगले दिन निकल पड़ते हैं

बिटिया
हमारे शहर में कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना
बाइक और आटो बाएं से निकलते हैं
दाएं देखें बाएं देखें या सामने
फिर भी ड्यूटी पर जाते हैं

बिटिया
सब इसी में सफ़र पूरा करते हैं
तुम्हें भी करना होगा ऐसे ही
ठोकरें खानी होंगी संभलना होगा।

9
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बिटिया बनते हुए मकान को देखना
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बिटिया
दुनिया चाहे जितनी बुरी हो
इसी में ढूंढते हैं थोड़ी-सी जगह
कोई प्यारी सखी कोई सच्चा दोस्त

बिटिया
धूप चाहे जितनी तेज होगी
इतनी बड़ी दुनिया में ज़रूर दिखेगी
कोई छत कोई बरामदा कोई दरख़्त

बिटिया 
कुछ न दिखे कहीं ढंग का 
तो थोड़े समय के लिए किसी नये 
बनते हुए मकान की छाँव में खड़े होना
उसे बनते हुए देखोगी तो देखना
उसकी महक तुम्हें उम्मीद से भर देगी।

10
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बिटिया गुलमोहर से मुँह मत फेरना
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बिटिया
चालीस डिग्री हो पारा
गर्म हवाएँ चाहे जितनी तेज़ हों
तुम सामने खड़े गुलमोहर को
देखने से मुँह मत फेरना
बस उसके सिर पर 
सुर्ख़ फूलों का मुकुट हो

बिटिया
सारे दरख़्त गुलमोहर नहीं होते
और जो गुलमोहर होते हैं कभी
तेज़ धूप में साथ नहीं छोड़ते हैं
जरूरी नहीं कि सारे गुलमोहर
एक जैसा खिलते हों
देखना होता है ढूँढना होता है
पाना होता है अपने हिस्से का
प्यार।