शनिवार, 8 अप्रैल 2017
जैसा हूं वैसा हूं
- गणेश पाण्डेय
हूं
गुरुद्रोही हूं
नहीं हूं
साहित्यद्रोही नहीं हूं
जो भी हूं
बिल्कुल पारदर्शी हूं
हूं
गरीब प्रेमचंद हूं
नहीं हूं
अमीर इनामचंद नहीं हूं
जैसा हूं वैसा हूं
हिन्दी के हरामजादों जैसा नहीं हूं
हूं
बहुत से बहुत ज्यादा पागल हूं।
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