tag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post3024764445780025653..comments2024-02-08T14:09:55.960+05:30Comments on Ganesh Pandey : गणेश पाण्डेय: लंबी रातGanesh Pandey http://www.blogger.com/profile/05090936293629861528noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post-86152235367051464632021-09-17T19:14:54.101+05:302021-09-17T19:14:54.101+05:30यही होता रहा है। अपने समय की विद्रूपता का लेखाजोखा...यही होता रहा है। अपने समय की विद्रूपता का लेखाजोखा है यह कविता।S B Singhhttps://www.blogger.com/profile/11382437522763593675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post-84516887190651429182020-06-09T22:09:38.881+05:302020-06-09T22:09:38.881+05:30सटीक चित्रण, किसी चलचित्र की तरह एक एक फ़्रेम दहशत ...सटीक चित्रण, किसी चलचित्र की तरह एक एक फ़्रेम दहशत से भरा हुआ, साहित्य समाज का दर्पण तभी हो पाता है जब उस के पास दृष्टि हो गणेश पाण्डेय जैसीसर्वत मैं कैसे पालता सारे जहां के दर्दhttps://www.blogger.com/profile/02888241677554262911noreply@blogger.com