tag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post2799793250796615981..comments2024-02-08T14:09:55.960+05:30Comments on Ganesh Pandey : गणेश पाण्डेय: आपकी सदिच्छा का सम्मान करता हूँ...Ganesh Pandey http://www.blogger.com/profile/05090936293629861528noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post-79029339975029125602015-01-01T22:25:29.190+05:302015-01-01T22:25:29.190+05:30बहुत-बहुत शुक्रिया सर। आपको पढ़ना अच्छा लगता है। आ...बहुत-बहुत शुक्रिया सर। आपको पढ़ना अच्छा लगता है। आपके विचारों की बेबाक अभिव्यक्ति काबिल-ए-ग़ौर है। बहुत से युवा भी आपकी बातों से सहमत हैं। उसे सिद्दत से जीते हैं। कमज़ोर रचनाओं को किसी की सलाह पर मजबूत बनाने की कोशिश नहीं करते, उनका जवाब होता है जो मैंने लिखा है...लिखा है। उसको पढ़ना है तो पढ़िए और आनंद लीजिए। शायरी लिखना मैंने किसी कॉलेज और स्कूल से नहीं सीखा। मैंने ख़ुद से सीखा है। इस तरह की बातों को जीने वाले युवाओं और आपकी बातों में एक साम्य दिखाई देता है। नए साल में आपकी कविताओं का सिलसिला जारी रहे। नई पीढ़ी में धैर्य का अभाव है। वह बहुत कुछ फटाफट हासिल करना चाहती है, लेकिन भाषा की बगिया सींचने में तो सालों साल लग जाते हैं...तब जाकर धीरे-धीरे इस इस बगिया में फूल आते हैं। बहुत-बहुत शुक्रिया सर आपकी इस पोस्ट के लिए। इसके साथ-साथ नए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाइयां।वृजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14993147600916233758noreply@blogger.com