tag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post1762419615929290745..comments2024-02-08T14:09:55.960+05:30Comments on Ganesh Pandey : गणेश पाण्डेय: ओ ईश्वर पार्ट टूGanesh Pandey http://www.blogger.com/profile/05090936293629861528noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post-77773670370932136412019-11-22T07:43:00.736+05:302019-11-22T07:43:00.736+05:30एक ईमानदार कवि अथवा मनुष्य के भीतर यह अपने स्वभावि...एक ईमानदार कवि अथवा मनुष्य के भीतर यह अपने स्वभाविकता में मौजूद रहता है कि वह अपने आसपास घट रहे घटनाओं से हताश - निराश और परेशान होए । ये हताशा , निराशा अथवा बेचैनियां उन्हें कई- कई बार आत्मघाती भी बना देती है । परन्तु एक सजग कवि अथवा कलाकार उसके दबावों को अस्त्र की तरह इस्तेमाल भी करना बखूबी जानता है । यह गणेश पाण्डेय के यहां प्रचुरता में है । वे इन कमजोरियों से ऊपर आते हैं और मारक क्षमता के साथ उपस्थिति दर्ज कराते हैं । हिंदी पट्टी की बेईमानी सर्वविदित है । पर गणेश पाण्डेय सा भेदक कोई कोई ही होगाइन्द्र राठौरhttps://www.blogger.com/profile/09765767805380634682noreply@blogger.com