tag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post8874395147353593095..comments2024-02-08T14:09:55.960+05:30Comments on Ganesh Pandey : गणेश पाण्डेय: आलोचना की पठनीयता उर्फ एक सफाईकर्मी की वेदनाGanesh Pandey http://www.blogger.com/profile/05090936293629861528noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post-34567774909340785072013-04-14T11:10:10.911+05:302013-04-14T11:10:10.911+05:30मित्रो! यही चाहता हूँ कि आलोचना अपनी सहजता, सरलता,...मित्रो! यही चाहता हूँ कि आलोचना अपनी सहजता, सरलता, तरलता के साथ नगर ही नहीं, हिंदी के सुदूर इलाके तक पहुँचे। जैसे किसान के खेतों तक क्यारियों से पानी पहँुचता है। उसके खेतों को जीवन देता है। वैसे ही आलोचना का निर्मल जल अबाध हिंदी के हर पौधे तक पहुँचे और उसे सींचे। उसे हिंदी का मजबूत दरख्त बनाए। उसे हिंदी का सच्चा पाठक और रखवाला बनाए। पर आलोचना का जो दृश्य सामने है, उससे निराश हूँ। नयी पीढ़ी के आलोचक मित्रों से पहले भी निवेदन कर चुका हूँ, अपने ‘नई सदी की काव्यालोचना की मुश्किलें’ में कि गैरजरूरी कबूतरबाजी और कतरनबाजी से बचें। जहाँ बहुत जरूरी हो वहीं दें। जिससे किसी बात को समझने में मदद मिले या बात का वजन बढ़ सके। सिर्फ यह दिखाने के लिए नहीं कि आपके पास संदर्भों का बहुत बड़ा जखीरा है। इसे दहशत फैलाने के काम आने वाला जखीरा न बनाए। अलोचना को रचना का मित्र समझें। उसे रचना या संपादक या लेखक के बिचौलिए के रूप में न लें। सच्चा दोस्त वही होता है जो सच कहे और दो टूक कहे। जो दोस्त दोस्ती टूटने के डर से जिंदगी भर सच नहीं कह पाते हैं, वे दरअसल दोस्ती के साथ मजाक करते हैं। पुरानों को जितना करना था कर चुके। दोस्ती भी और मजाक भी। पिछली सदी से सिर्फ दोस्ती वाला जज्बा लें, मजाक वहीं का वहीं छोड़ दें।Ganesh Pandey https://www.blogger.com/profile/05090936293629861528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6243664497420021389.post-72950108422824394482013-04-12T23:14:26.476+05:302013-04-12T23:14:26.476+05:30आदि से अंत तक धाराप्रवाह मदहोशी से पढ़ गया. आलोचनाक...आदि से अंत तक धाराप्रवाह मदहोशी से पढ़ गया. आलोचनाकारों के वैशिष्ट्यवाद और आत्मविमुग्धता पर इतना बेहतरीन कटाक्ष पहले कभी नहीं दिखा. सहज रूप में अपनी बात कहने की कला को सच में प्रणाम करने की इच्छा होती है. <br /><br />राम कुमार पाण्डेय राम कुमार पाण्डेयhttp://rkpandey.jagranjunction.comnoreply@blogger.com