जो चीज़ें कभी
बहुत सुंदर दिखती हैं
जिनके दिख भर जाने से
उन पर बहुत-बहुत प्यार आता है
एक दिन ऐसी सारी सुंदर चीज़ें
सुंदर दिखते-दिखते
कम सुंदर दिखने लगती हैं
एक समय तो बिल्कुल धुँधली
दिखने लगती हैं
कविता नहीं है
अनुभव की बात है
बायीं आँख से
आजीवनप्रिया का सुंदर मुख
बहुत मलिन दिखने लगता है
विशालाक्षीप्रिया की आँखों का
आभास होता है अपनी जगह पर है
लेकिन वह पुतली नहीं दिखती है
जिसमें मेरा प्रफुल्लित मुख दिखता था
चश्मे का नंबर भी साथ छोड़ देता है
और सभी चीज़ें बायीं आँख से
बहुत धुँधली दिखने लगती हैं
दायीं से बहुत धुँधली
शायद इसे ही
आँखों का बुढ़ापा कहते हैं
लेकिन यह बुढ़ापा तो ऐसा है
जो किसी को बूढ़ा होने पर आता है
तो किसी की आँखें छत्तीस साल की
भरी जवानी में बूढ़ी हो जाती हैं
ओह इनकी मृगनयनीप्रियाओं पर
क्या बीतती होती
कितना हलकान होती होंगी
मोतियाबिंद से डरो मत
आँखों के मोती की चमक
फीकी हो जाती है तो चिकित्सक
उसे बदल देते हैं फिर से
जवान बना देते हैं
प्रिया फिर से
जवान दिखने लगती है
हर मुलाक़ात
पहली मुलाक़ात लगने लगती है
धरती नयी हो जाती है झरना नया
जी करता है हर चीज़ चूम लो
जिन्हें पहले हज़ार बार चूमा हो
उन्हें फिर से लाख बार चूम लो
प्रिया को देखने चूमने और छूने की
कोई सीमा नहीं हो सकती है
दिल ही तो है कभी बूढ़ा नहीं होता
पुराने से पुराने दिल में हज़ारों
नयी हसरतें पैदा होती रहती हैं
प्रिय के लिए मचलता रहता है
जो प्रिय के प्रिय हैं उनके लिए
तो ख़ूब मचलता है
बस दो मिनट
डॉक्टर की टेबल पर
चुपचाप लेट जाओ और दूसरे दिन
अपनी ही आँख पर सहसा
यक़ीन नहीं कर पाओगे
कि आँखें झूठ बोल रही हैं
कि दुनिया सचमुच इतनी सुंदर है
सुंदरतम है
यह डाक्टर के
हाथों का कमाल है जादू है
विज्ञान का वरदान है
संसार के बड़े से बड़े
प्रेमियों को मोतियाबिंद होता है
न प्रेम रुकता है न मोतियाबिंद
न जीवन न तुम रुकोगे
अस्पताल से
जैसे ही घर आओगे छोटी नातिन
आँख पर पट्टी देखते ही
हक्का-बक्का हो जाएगी
हाथ उठाकर पूछेगी ये क्या नानू
कैसा सफ़ेद स्टीकर लगाकर आये हो
(उसके इस तरह कहने पर तुम
हँसना तो चाहोगे फिर भी
एहतियातन नहीं हँसोगे
बाक़ी लोग हँस पड़ेंगे
तुम सिर्फ़ हल्का सा मुस्कुराओगे
लेकिन तुम्हारा दिल ख़ूब मुस्कुराएगा
नातिन पर ख़ूब प्यार आएगा)
अगले कुछ दिनों में देखोगे
नातिन को तुम्हारे काले चश्मे से
प्यार हो गया है
उसे छूना चाहेगी चूमना चाहेगी
निकालेगी फिर लगाएगी
और कहेगी- गुड जॉब।
- गणेश पाण्डेय

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